अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने छोड़ा सेना का गौरवशाली करियर, अपनाया सनातन धर्म और आध्यात्मिकता
दुनिया भर में अपनी ताकत और अनुशासन के लिए पहचानी जाने वाली अमेरिकी सेना की अधिकारी हानाई आकचकच त्रिवेणी ने हाल ही में ऐसा कदम उठाया, जिसने सभी को हैरान कर दिया। उन्होंने अपने प्रतिष्ठित सैन्य पद से इस्तीफा देकर सनातन धर्म अपनाया और भारत आकर आध्यात्मिक जीवन की ओर रुख किया।
हानाई का परिचय और जीवन यात्रा
बोस्टन की रहने वाली हानाई आकचकच ने जॉनसन एंड वेल्स यूनिवर्सिटी से एमबीए किया और अपनी बुद्धिमत्ता व परिश्रम के बल पर अमेरिकी सेना में 2014 में अधिकारी के रूप में शामिल हुईं। सेना में उनकी सेवा बेहद सराहनीय रही। साथ ही वे अमेरिकी वित्त मंत्रालय में टैक्स एडवाइजर के रूप में भी काम कर चुकी थीं।
हनाई के माता-पिता फातिमा और मुहम्मद ने उन्हें स्नेह और सहारे से पाला। वे हमेशा से एक तेज-तर्रार और मेहनती व्यक्तित्व की धनी थीं। लेकिन उनका जीवन तब बदल गया, जब उन्होंने आध्यात्मिकता का मार्ग अपनाने का फैसला किया।
भारत में मिली आध्यात्मिक प्रेरणा
2018 में भारत यात्रा के दौरान हानाई ने यूट्यूब पर क्रियायोग से संबंधित एक वीडियो देखा। यह उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। स्वामी योगी सत्यम के मार्गदर्शन में उन्होंने साधना का अभ्यास शुरू किया। धीरे-धीरे उन्होंने मांसाहार, भौतिक इच्छाओं और सांसारिक माया-मोह से दूरी बना ली।
हानाई ने महसूस किया कि जीवन का असली उद्देश्य आत्मज्ञान और साधना है। इसके बाद उन्होंने भारत में दीक्षा ली और जोगिया वस्त्र धारण कर आध्यात्मिक मार्ग पर चल पड़ीं।
सनातन धर्म की ओर कदम
हानाई ने हाल ही में आयोजित महाकुंभ में पूरी तरह से सनातन धर्म अपना लिया। उनका कहना है, "यहां की संस्कृति और आध्यात्मिकता ने मुझे नई दिशा और सच्ची शांति दी है।" अब वे भारत में रहकर साधना, सेवा और आध्यात्मिक उन्नति को अपना जीवन उद्देश्य मान चुकी हैं।
उनके जीवन का नया अध्याय
अमेरिका के सैन्य जीवन से लेकर भारत की आध्यात्मिकता तक का सफर हानाई के लिए बेहद अद्वितीय है। सेना की अनुशासनप्रियता ने उन्हें साधना में मदद की, और सनातन धर्म की गहराई ने उन्हें आत्मज्ञान की ओर प्रेरित किया।
हानाई का जीवन आज एक प्रेरणा बन गया है, जो यह दर्शाता है कि सच्चा सुख केवल भौतिक उपलब्धियों में नहीं, बल्कि आत्मज्ञान और आध्यात्मिकता में निहित है। उनके इस फैसले ने न केवल अमेरिका और भारत में बल्कि पूरे विश्व में चर्चा को जन्म दिया है।
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“साधना के माध्यम से जीवन की सच्ची दिशा प्राप्त होती है।’’ – हानाई आकचकच त्रिवेणी