- तिलहन मिशन में रेवदर ब्लाॅक के लिये 1000 हैक्टर में मूंगफली विस्तार की योजना

- तिलहन मिशन में रेवदर ब्लाॅक के लिये 1000 हैक्टर में मूंगफली विस्तार की योजना

- नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल- तिलहन मिशन अंतगर्त गर्मी में होगा मूंगफली का क्षेत्र विस्तार

सिरोही, 12 जनवरी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भारत सरकार के द्वारा तिलहनी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2024-25 से 2030-31 तक की अवधि के लिए नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल तिलहन प्रारंभ किया गया है। संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद के संजय तनेजा ने बताया कि मिशन का उद्देश्य रणनीतिक रूप से आयातित खाद्य तेलों पर भारत की निर्भरता को कम करना और घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देना हैै। इसे अर्जित करने के लिए मिशन अन्तर्गत नवाचारों का उपयोग, प्रोद्योगिकि का तेजी से प्रसार, तिलहनी फसलों का लक्षित विस्तार, उन्नत बीजों की उपलब्धता बढ़ाना, किसानो की बाजार तक पहुंच बढ़ाना, द्वितीयक तिलहनों के निष्कर्षण और संग्रहण में सहायता इत्यादि विभिन्न गतिविधियां संपादित की जायेगी।


जिला स्तर पर समितियां  , जिला स्तर पर समितियां जिला ऑयल सीड मिशन  (DOSM)     एवं जिला एग्जीक्यूटिव कमिटी  (DEC)     के रूप में होगी जिसकी अध्यक्षता जिला कलेक्टर द्वारा की जायेगीे।

क्लस्टर में गतिविधियां: 

रेवदर ब्लाॅक में 500 हैक्टर में मूंगफली की अधिसूचित प्रमााणित किस्मों के बीजो का 100 प्रतिशत सहायता पर अर्थात निःशुल्क किया जायेगा वितरण और 500 हैक्टर में ही किसानो एक हैक्टर क्षेत्र तक सीमा में क्लस्टर में आयोजित किये जायेंगे प्रदर्शन। इससे पूर्व प्रत्येक किसान के खेत की मिट्टी की प्रयोगशाला से होगी निःशुल्क जांच। आगे खरीफ में अरण्डी, तिल, मूंगफली तथा रबी में सरसों तिलहनी फसलो के क्लस्टर गठित कर गतिविधियां ली जायेंगी।


मिशन में होंगे वैल्यू चैन पार्टनर  (VCP)

मिशन में प्रत्येक कलस्टर का प्रबंधन एक वैल्यू चैन पार्टनर  (VCP)    द्धारा किया जायेगा। जिसके चिन्हीकरण के लिये 15 जनवरी 2025 तक इच्छुक एफपीओ/सहकारी संस्थान से आवेदन/प्रस्ताव आमंत्रित किये गये है। वीसीपी को मिशन अंतर्गत किसानों का पंजीकरण, अनिवार्य मृदा स्वास्थ्य परीक्षण, बीजों का राजकीय  संस्थाओं से आवंटन अनुसार वितरण, टीएसए के समन्वय से किसान प्रशिक्षण व फिल्ड स्कूल का आयोजन, सलाहकार सेवाओं का प्रसार इत्यादि कार्य संपादित करने होंगे। वीसीपी को क्लस्टर के भीतर बीज वितरण और प्रशिक्षण पर किए गए कुल खर्च के 1.5 प्रतिशत के बराबर प्रबंधन और आउटरीच सहायता दी जायेगी।


वीसीपी चयन के लिए ये होगे मानदंड


कंपनी अधिनियम या सरकारी अधिनियम के तहत पंजीकरण होना चाहिए, जिस जिले में क्लस्टर बना है वहां काम करने का कम से कम 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए, कम से कम 200 किसान एफपीओ/सरकारी संस्थान में पंजीकृत होने चाहिए, पिछले तीन वर्षों में औसत वार्षिक कारोबार 9 लाख से अधिक होना चाहिए, एफपीओ में किसानों द्वारा कम से कम 3 लाख की इक्विटी हो। सरकार द्वारा किसी भी इक्विटी अनुदान के प्राप्तकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी।



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