खुला या परित्यक्त बोरवेल अथवा ट्यूबवेल दिखने पर हेल्पलाइन पर करें सूचित
सिरोही, 27 दिसम्बर। विगत कई वर्षों से राजस्थान में परित्यक्त बोरवेल/ट्यूबवेल में छोटे बच्चों के गिरने की कई घटनाएं घटित हुई है, ऐसी घटनाओं में स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन द्वारा सूचना प्राप्त होने पर बोरवेल में फसे हुए बच्चों को बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जाते है। चूंकि राज्य आपदा प्रतिसाद बल (एसडीआरएफ) राज्य में इस प्रकार की घटनाओं की सूचना मिलने पर प्रथमतः घटनास्थल पर पहुंचकर कार्यवाही करता है तथा विगत कई घटनाओं में बच्चों को बोरवेल से जीवित एवं सकुशल रेस्क्यू कर बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। भविष्य में राज्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो तथा मानवीय श्रम एवं संसाधनों का अपव्यय न हो इसके लिए राज्य स्तर पर हेल्पलाइन की स्थापना की गई है।
हेल्पलाइन नम्बर
1 - टेलीफोन नम्बर 0141-2759903 (एसडीआरएफ कन्ट्रोल रूम जयपुर)
2 - मोबाईल नम्बर 8764873114 सीयूजी वाट्सऐप नम्बर।
कमांडेंट राज्य आपदा प्रतिसाद बल राजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि यदि किसी के क्षेत्र में या उनके आस-पास किसी भी स्तर पर खुला या परित्यक्त बोरवेल अथवा ट्यूबवेल दिखाई दे तो तुरन्त दिए गए हैल्पलाइन नम्बर पर सूचित करें तथा मौके फोटोग्राफ्स मय स्थान का विवरण अंकित करते हुए भेजे। एसडीआरएफ द्वारा इस प्रकार की सूचना प्राप्त होने पर स्थानीय पुलिस प्रशासन को सूचित कर ऐसे ट्यूबवेल को बंद करवाने की तत्काल कार्यवाही की जाएगी।
अति. जिला कलेक्टर डॉ. दिनेश राय सापेला ने जिले के संबंधित अधिकारियों को जिले में खुले बोरवेल कंपनी/मालिक के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए तथा इस पर होने वाले समस्त व्यय की वसूली किए जाने सहित भविष्य में जिले में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो तथा मानवीय श्रम एवं संसाधनों का अपव्यय न हो इस संबंध में निरंतर हो रही दुर्घटनाओं को मध्यनजर रखते हुए बोरवेल/ट्यूबवेल व खुले कुओं को बंद करने की ठोस कार्यवाही करने तथा एक सप्ताह में रिपोर्ट भिजवाने के लिए निर्देशित किया है।
सिरोही, 27 दिसम्बर। विगत कई वर्षों से राजस्थान में परित्यक्त बोरवेल/ट्यूबवेल में छोटे बच्चों के गिरने की कई घटनाएं घटित हुई है, ऐसी घटनाओं में स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन द्वारा सूचना प्राप्त होने पर बोरवेल में फसे हुए बच्चों को बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जाते है। चूंकि राज्य आपदा प्रतिसाद बल (एसडीआरएफ) राज्य में इस प्रकार की घटनाओं की सूचना मिलने पर प्रथमतः घटनास्थल पर पहुंचकर कार्यवाही करता है तथा विगत कई घटनाओं में बच्चों को बोरवेल से जीवित एवं सकुशल रेस्क्यू कर बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। भविष्य में राज्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो तथा मानवीय श्रम एवं संसाधनों का अपव्यय न हो इसके लिए राज्य स्तर पर हेल्पलाइन की स्थापना की गई है।
हेल्पलाइन नम्बर
1 - टेलीफोन नम्बर 0141-2759903 (एसडीआरएफ कन्ट्रोल रूम जयपुर)
2 - मोबाईल नम्बर 8764873114 सीयूजी वाट्सऐप नम्बर।
कमांडेंट राज्य आपदा प्रतिसाद बल राजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि यदि किसी के क्षेत्र में या उनके आस-पास किसी भी स्तर पर खुला या परित्यक्त बोरवेल अथवा ट्यूबवेल दिखाई दे तो तुरन्त दिए गए हैल्पलाइन नम्बर पर सूचित करें तथा मौके फोटोग्राफ्स मय स्थान का विवरण अंकित करते हुए भेजे। एसडीआरएफ द्वारा इस प्रकार की सूचना प्राप्त होने पर स्थानीय पुलिस प्रशासन को सूचित कर ऐसे ट्यूबवेल को बंद करवाने की तत्काल कार्यवाही की जाएगी।
अति. जिला कलेक्टर डॉ. दिनेश राय सापेला ने जिले के संबंधित अधिकारियों को जिले में खुले बोरवेल कंपनी/मालिक के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए तथा इस पर होने वाले समस्त व्यय की वसूली किए जाने सहित भविष्य में जिले में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो तथा मानवीय श्रम एवं संसाधनों का अपव्यय न हो इस संबंध में निरंतर हो रही दुर्घटनाओं को मध्यनजर रखते हुए बोरवेल/ट्यूबवेल व खुले कुओं को बंद करने की ठोस कार्यवाही करने तथा एक सप्ताह में रिपोर्ट भिजवाने के लिए निर्देशित किया है।