आबूरोड में वीर बाल दिवस कार्यक्रम गुरुद्वारा में मनाया



आबूरोड में वीर बाल दिवस कार्यक्रम गुरुद्वारा में मनाया 

सिरोही 28 दिसम्बर।

आबूरोड में वीर बाल दिवस कार्यक्रम गुरुसंगत दरबार गुरुद्वारा में जिलाध्यक्ष सुरेश जी कोठारी,जिला संयोजक हार्दिक देवासी एवम मंडल अध्यक्ष मनीष परसाई की उपस्थिति में हुआ।

पूज्यनीय सिंधी समाज के रागी ने विस्तार से बताया दिसंबर को 1705 में इन महान सपूतों को धर्म नहीं बदलने पर मुगल सेनापति वजीर खान ने उन्हें जिंदा दीवार में चुनवा दिया था. 26 दिसंबर को सरहिंद के नवाज वजीर खान ने जोरावर सिंह (7 वर्ष)और फतेह सिंह (5 वर्ष) को खुले आसमान के नीचे कैद कर दिया. वजीर खान ने दोनों छोटे साहिबजादों को धर्म परिवर्तन के लिए कहा लेकिन दोनों साहिबजादों ने 'जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल' के जयकारे लगाते हुए धर्म परिवर्तन करने से इनकार कर दिया. वजीर खान ने दोनों साहिबजादों को धमकाते हुए कहा कि कल तक या तो धर्म परिवर्तन करो या मरने के लिए तैयार रहो
दोनों  को बेहद प्यार से तैयार करके दोबारा से वजीर खान की कचहरी में भेजा. यहां फिर वजीर खान ने उन्हें धर्म परिवर्तन करने को कहा लेकिन छोटे साहिबजादों ने मना कर दिया और फिर से जयकारे लगाने लगे. यह सुन वजीर खान ने गुस्सा में आकर दोनों साहिबजादों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया. उनको नमन करने के लिए ही सिख समुदाय ने वीर बाल सप्ताह मनाना शुरू किया उसमें से भी 26 दिसंबर का दिन शहादत को समर्पित है.

 सिंधी समाज के पूर्व अध्यक्ष अशोक चंचलानी ने बताया कि आज हम सभी उन 2 बहादुर वीरो को याद करने एवम सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए है,जिन्होंने अपनी शहीदी खुद चुनी थी,जिस उम्र में बच्चे खिलोने से खेलते है उस उम्र में मुगलो ने हमारे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया व न मानने पर उन्हें जिंदा दीवारों में चुनवा दिया।

मण्डल अध्यक्ष मनीष परसाई ने बताया की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद बाद हर साल 26 दिसंबर को 'वीर बाल दिवस' मनाया जाता है. यह दिन सिखों के दसवें गुरु- गुरु गोबिंद सिंह जी के चार वीर पुत्रों के अद्वितीय बलिदान और साहस के प्रति सम्मान जताने के लिए मनाया जाता है.

कार्यक्रम जिला संयोजक हार्दिक देवासी ने बताया कि
सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. परिवार की शहादत को सब नमन करते हैं. उनके दो छोटे साहिबजादों ने निरंकुश शासक के आगे झुकने से इनकार कर दिया और डट कर आततायी का सामना किया. उन नन्हें साहिबजादों को श्रद्धा से याद करने का दिन है 26 दिसंबर. इस बार पहली बार महान वीर गाथा की महत्ता बताने के लिए भारत के वीर बच्चों को सम्मानित किया जाएगा. इस दिवस को सिख समुदाय में बड़े उत्साह से मनाया जाता है. यह दिन न केवल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि सभी भारतीयों के लिए प्रेरणादायक है. साहिबजादों की वीरता और बलिदान को याद करते हुए इस दिन विशेष कार्यक्रम और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
जिलाध्यक्ष सुरेश कोठारी ने बताया 

बार गणतंत्र दिवस के बजाए देश के बाल पुरस्कार 26 दिसंबर को दिए जाएंगे. राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के अवसर पर इस बार पुरस्कृत होने वाले सभी 17 बच्चों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मानित करेंगी. केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, "आगामी 26 दिसंबर को हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चों के साथ वीर बाल दिवस मनाएंगे, जिन्होंने साबित किया कि दृढ़ संकल्प से हर मुकाम हासिल हो सकता है. इन बाल प्रतिभाओं से प्रेरणा लें और एक विकसित भारत बनाएं."


भाजपा जिला प्रवक्ता रोहित खत्री ने बताया कि इस अवसर पर सिंधी समाज के अध्यक्ष श्याम जी संगतानी,अशोक चंचलानी, अशोक कुमार केवलराम,रामचंद्र,जीतेन्द्र चौथीराम , अध्यक्ष मनीष परसाई,महामंत्री राधेश्याम शाक्य,दीपेश अग्रवाल,हरेंद्र सिंह,के के अग्रवाल,पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र सम्बरीया, पार्षद बबिता मखीजा,राजेन्द्र गहलोत,दीपक कुमार,ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष निखिल कुमावत,लतीफ खान अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष,उपाध्यक्ष मुकेश मोदी,मनीष सिंघल नगर मंत्री, राहुल प्रजापत पंकज कुमावत,सविता वासु, अलका मोदी,अनुराग अग्रवाल सहित लोग मौजूद रहे।

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