रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित डिफेंस प्लानिंग मीटिंग में सांसद चौधरी ने लिया भाग

रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित डिफेंस प्लानिंग मीटिंग में सांसद चौधरी ने लिया भाग

दिल्ली/सिरोही,21 नवंबर। गुरुवार को दिल्ली में राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता एवं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (भारत)  अनिल चौहान के सानिध्य में आयोजित हुई।बैठक में भारतीय थल सेना, भारतीय नौ सेना, और भारतीय वायु सेना के अधिकारी एवं डिफेंस समिति के सदस्य गण भी उपस्थित रहे।
 
रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित डिफेंस प्लानिंग मीटिंग में  जालौर सिरोही सांचौर सांसद लुंबाराम चौधरी ने भी भाग लिया।
बैठक में सामान्य रक्षा बजट, सैन्य मामलों का विभाग, रक्षा सेवाओं पर पूंजीगत व्यय, रक्षा मंत्रालय (सिविल), रक्षा सेवाओं पर पूंजीगत व्यय और खरीद नीति और रक्षा योजना’ पर अनुदानों की मांगों (2024-25) की जांच के लिए रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों द्वारा मौखिक साक्ष्य। सत्र में हम सेना, वायु सेना, नौसेना, भारतीय तटरक्षक, संयुक्त कर्मचारी, रक्षा संपदा महानिदेशालय,अनुकूली रक्षा और सीमा सड़क संगठन पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए डिफेंस कमेटी के अध्यक्ष राधा मोहन सिंह ने कहा कि ‘अडप्टिव डिफेंस’ एक रणनीतिक दृष्टिकोण है, जिसमें किसी देश की सैन्य और रक्षा प्रणाली उभरते खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए निरंतर विकसित होती है। उन्होंने कहा, “अडप्टिव डिफेंस केवल जो हुआ है, उसका जवाब देना नहीं है, बल्कि जो हो सकता है, उसका पूर्वानुमान लगाना और उसके लिए सक्रिय रूप से तैयारी करना है। संक्षेप में, इसमें अप्रत्याशित और बदलती परिस्थितियों के बावजूद अनुकूलन, नवाचार और विकास करने की मानसिकता और क्षमता विकसित करना शामिल है। परिस्थितिजन्य जागरूकता, रणनीतिक और सामरिक स्तरों पर लचीलापन, मजबूती, चपलता और भविष्य की प्रौद्योगिकियों के साथ एकीकरण अडप्टिव डिफेंसको समझने और बनाने की कुंजी हैं। यह हमारे रणनीतिक निर्माण और परिचालन प्रतिक्रियाओं का मंत्र होना चाहिए।

बैठक में सांसद लुंबाराम चौधरी ने राजस्थान के जैसेलमेर जिले में पोखरण मे परमाणु प्रशिक्षण किया गया था उनकी स्मृति में माननीय अटल बिहारी वाजपई और अब्दुल कलाम जी की आदम कद प्रतिमा लगाने के लिए सुझाव दिया।

सांसद चौधरी ने क्हा कि सीमावर्ति गॉव मे सेना के माध्यम से पेयजल स्वास्थ्य शिक्षा  सडक के माध्यम से विकास किया जाए जिससे सेना ग्रामीण के मध्य सहज वातावरण बन सके ।




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